एक युवती की आबरू की कीमत सिर्फ दो थप्पड़ लगाकर पंचायत ने अपना फरमान सुना दिया लेकिन इस घटना ने हमारे समाज को एक बार फिर शर्मसार कर दिया है.
इस तरह पंचायतों में फैसले होने से पीड़ित पुलिस तक नही पहुंच पाते हैं और इन घटनाओं को अंजाम देने वाले शैतानों के हौसले दिन ब दिन बढ़ते जाते हैं. हमारे समाज को शर्मसार करने वाली यह घटना कोतवाली क्षेत्र के गांव श्यामपुर की है.
यहां के निवासी शफरु की पुत्री गोलू (काल्पनिक नाम) कल शाम अपने घर से किसी काम के लिए गई थी. जैसे ही वह अपने घर आ रही थी गांव के ही रिजवान ने बुरी नीयत से दबोच लिया और गांव के ही चन्दन के घर में ले जाकर उसके साथ रेप किया.
वहशी दरिंदे ने अपनी कामुकता का शिकार बनाने के बाद उसे घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देकर वहां से भगा दिया. इस घटना से गोलू की हालत खराब हो गई. किसी तरह अपने घर पहुंची.
गोलू की हालत खराब देख जब परिजनों ने उससे इस बारे में पूछा तो उसने परिजनों को आपवीती सुना दी.
परिजन उसे लेकर कोतवाली जाने लगे पर समाज के ठेकेदारों को जब इस घटना के बारे में पता चला तो उन्होंने उन्हें कोतवाली नहीं जाने दिया और गांव में ही पंचायत बैठाकर फैसला करने को कहा. पंचायत से इंसाफ की उम्मीद लगाए परिजन इस पर तैयार हो गए. पर समाज के शैतानों को बचाने के लिए पंचायत ने ऐसा निर्णय दिया जिससे हमारा समाज शर्मसार हो गया.
पंचायत ने आरोपी रिजवान को दो थप्पड़ लगावाकर मामले की इतिश्री कर ली. परन्तु क्या इस फैसले से पीड़ित गोलू का दुख कम हुआ होगा ऐसा पंचायत के ठेकेदारों ने नहीं सोचा?
इसी तरह यदि समाज के ठेकेदार पंचायतें बैठाकर आरोपियों को उनके दोषों से मुक्त करा देते हैं इससे इन शैतानों के हौसले दिन ब दिन बढ़ते रहते हैं और हर रोज कोई न कोई गोलू इनकी गंदी वासना का शिकार होती रहती है.
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