सपनो को पंख लगे है , उड़ान अभी बाकी है,
राह से रोड़े हटे है चट्टान अभी बाकी है
इक लहर को पार कर य़ू बैठ न आराम से
समंदर में आना, उफान अभी बाकी है
बैठ न य़ू हार के इस जंग-ए-मैदान में
तीर न तो न सही, कमान अभी बाकी है
नाउम्मीद ना हो देख इन मुर्दों को शहर में
थोड़े है, कम है, प़र इंसान अभी बाकी है
य़ू मायूस ना हो इन नए लोगो के शौक देख
पुरानी कलाओं के कद्रदान अभी बाकी है
शक होगा कुछेको को कुछ सोच में भी होंगे ज़रूर
होना "उम्मीद" से लोगो को हैरान अभी बाकी है
राह से रोड़े हटे है चट्टान अभी बाकी है
इक लहर को पार कर य़ू बैठ न आराम से
समंदर में आना, उफान अभी बाकी है
बैठ न य़ू हार के इस जंग-ए-मैदान में
तीर न तो न सही, कमान अभी बाकी है
नाउम्मीद ना हो देख इन मुर्दों को शहर में
थोड़े है, कम है, प़र इंसान अभी बाकी है
य़ू मायूस ना हो इन नए लोगो के शौक देख
पुरानी कलाओं के कद्रदान अभी बाकी है
शक होगा कुछेको को कुछ सोच में भी होंगे ज़रूर
होना "उम्मीद" से लोगो को हैरान अभी बाकी है
No comments:
Post a Comment