पेट्रोल मूल्य वृद्धि से रोज़मर्रा की जरूरतों के सामानों के मूल्यों में भी वृद्धि होगी ही l हमारी लोकप्रिय सरकार आम जनता के लिए एक वर्ष में 6 रसोई गैस सिलेंडर का कोटा फिक्स करने की भी योजना बना रही है l कितनी मूर्खता पूर्ण सोच है सत्ताधारियों की यानि ये अपने देश की संयुक्त परिवार प्रथा तक को भुला बैठे l कुछ नहीं मेरा मत है की सरकार आम जन को विद्रोह के लिए भड़का रही है और अपनी करनी से इतना त्रस्त कर देना चाहती है की आम जन सड़क पर उतर कर बगावत करने को मजबूर हो l
यहाँ यह कहना अप्रासंगिक नहीं होगा कि अन्ना के आन्दोलन की सफलता का राज आम जन का सरकार के प्रति विरोध था जो सड़कों पर उबाल की शक्ल ले रहा था i यदि आम जन के हित की नीतियों की और सरकार ने सोचा होता तो क्या इतनी जनता को अपने साथ जोड़ने में अन्ना कामयाब होते ? वस्तुतः अन्ना को शायद आगे आना ही नहीं पड़ता l
यह सब राजनैतिक दूरदर्शिता का आभाव है l सरकार चला रहे लोग लोगों के दिमाग से राजनैतिक वंश वाद को खत्म करना चाहते है और इसी योजना के तहत वे गाँधी परिवार की इतनी अधिक दुर्गति कर देंगे कि इनके नाम से वोट मिलना तो दूर नाम सुनना भी पसंद नहीं करेंगे l सोनिया गाँधी भारतीय राजनीति के माहौल को संभवतः अभी तक समझ नहीं पाई है l राहुल जैसे युवा संसद में लिखा हुआ भाषण पढ़ते है अतः यहाँ भी अधिक उम्मीद का वातावरण बनता नहीं दिखाई देता i जो कुछ सरकार कर रही है उसका परिणाम आम जन को भोगना ही होगा परन्तु अब यह अवश्य कहा जाना चाहिए कि कोंग्रेस का हाथ अपने मंत्रियों और उद्योगपतियों के साथ
अब फैसला आप को करना है की यह सरकार किसके लिए काम कर रही हैं ? आम आदमी के लिए अथवा अपने मंत्रियों अधिकारीयों और चहेते उद्योग घरानों के लिए
लेखक : सुरेश शर्मा
Courtesy : http://hastakshep.com
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