September 08, 2011

यह भारत के एक राज्य में स्थित शहर का एक नजारा है - जहॉ एक भी लड़की आठवीं पास नहीं

राज्य में बालिका शिक्षा के नाम पर करोड़ों रूपया खर्च किया जा रहा है। केंद्र सरकार पोषित योजनाओं के साथ ही राज्य सरकार की ओर से भी कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके बाद भी राज्य में एक गांव ऎसा है, जहां की एक भी बालिका आठवीं पास नहीं है। यह गांव है टोंक जिले का अल्लापुर गांव। इस गांव की बालिकाएं पांचवीं कक्षा से आगे नहीं बढ़ पाई हैं तो ज्यादातर महिलाएं निरक्षर हैं। इस गांव में सिर्फ एक बालक 12वीं पास है।

टोंक जिले के उनियारा तहसील स्थित अल्पसंख्यक बहुल गांव अल्लापुर में 10 साल से राजकीय प्राथमिक विद्यालय चल रहा है। पहले तो यहां लड़कियों को पढ़ाने के बारे में लोग सोचते भी नहीं थे, लेकिन प्राथमिक विद्यालय खुलने के बाद लड़कों के साथ लड़कियां भी पांचवीं कक्षा तक पढ़ाने लगीं। चूंकि आगे की पढ़ाई के लिए इस गांव से करीब सात किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।

लड़के तो चले जाते हैं, लेकिन संसाधनों के अभाव और जागरूकता की कमी की वजह से अभिभावक लड़कियों को आगे की पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं भेजते हैं। ऎसी स्थिति में इस गांव की लड़कियां पांचवीं के बाद पढ़ाई छोड़ देती हैं। गंभीर बात यह है कि गांव में सिर्फ प्राथमिक विद्यालय होने और लड़कियों के आगे की पढ़ाई न करने के बारे में जिला प्रशासन भी जानता है । इसके बाद भी इस गांव की लड़कियों को आगे की पढ़ाई के लिए कोई इंतजाम नहीं किया जा सका है।

100 ने छोड़ी पढ़ाई : अल्लापुर गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में पांचवी पास कराने के बाद सौ से अघिक छात्राओं ने पढ़ाई छोड़ दी है। गांव के कुछ छात्रों ने ककोड़ के स्कूल में छठीं कक्षा में प्रवेश लिया है, लेकिन समुचित रास्ता न होने के कारण ये छात्र भी स्कूल नहीं जाते हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि प्राथमिक स्कूल को उच्च प्राथमिक में क्रमोन्नत करने के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है। इसके बाद भी स्कूल क्रमोन्नत नहीं हुआ। जिला परिषद सदस्य नरेश बंसल ने बताया कि आजादी के 64 साल बाद भी एक भी छात्रा का आठवीं तक नहीं पढ़ना शिक्षा विभाग की नाकामी को उजागर करता है। वह कहते हैं कि स्कूल को क्रमोन्नत कराने के लिए शिक्षा मंत्री को फिर लिखा जाएगा।

12वीं पास एक छात्र : अल्लापुरा गांव में छात्राएं ही नहीं छात्र भी शिक्षा से दूर हैं। यहां मात्र एक छात्र 12वीं पास है। छात्र ने गत साल 12वीं पास कर नर्सिग कॉलेज प्रवेश लिया है। गांव से एक व्यक्ति सरकारी सेवा में कार्यरत है। ज्यादातर ग्रामीण रोजी-रोटी के सिलसिले में महाराष्ट्र रहते हैं।

प्रस्ताव भेंजेंगे : गांव शिक्षा में पिछड़ा हुआ है। गांव के स्कूल को क्रमोन्नत कराने के लिए शिक्षा निदेशालय बीकानेर को प्रस्ताव भेजे जाएंगे।

- जगदीश लाल वर्मा, जिला शिक्षा अघिकारी, प्रारंभिक, टोंक

साभार - http://www.rajasthanpatrika.com